Friday, 23 November 2012

bhart ke muslmano ka kadva sach



भारत के मुसलमानो का कड़वा सच


तुम ये चाहते हो की राष्ट्र तुम्हारी चिंता करे और तुम पडोसी राष्ट्र की चिंता करो !! ......

इस देश का मुसलमान कहता हे इस देश में उसका भी हक है पर मुसलमानों पहले इस देश के और समाज के अच्छे नागरिक तो बन कर दिखाओ!!
भारत के समाज में मुस्लमान की कितनी सहभागिता हे आओ देख ले -

1-
किसी भी मुस्लिम या मुस्लिम समाज द्वारा चेरेटीबल हॉस्पिटल खोले हे ! .........................(नहींया नहीं के बराबर)

2.
समाज में
कितनी समाज सेवी संस्थाये,सेवा संस्थान हे तुम्हारे जो हिंदुस्तान के समाज में सेवा करते हे !
...................... (
नहीं या नहीं के बराबर)

3.
राहगीरों के लिए प्याऊ,जानवरों के लिए खेर,पक्षियों के लिए चबूतरे,जीवदया जेसे सिर्फ घायल जानवरों का इलाज ही मान ले,गरीबो के लिए अन्नक्षेत्र, मरीजो के लिए मुफ्त दवाइया !
....................... (
बिलकुल नहीं)

4.
शहीद देशभक्तों की पुण्यतिथि पर तुम नदारत रहते हो गाँधी जयंती छोड़ के ! ...............(देश के प्रति कुछ जिम्मेदारी हे ही नहीं)

5.
समाज सेवा में तुम्हारा कोई अनुदान नहीं हे और अगर अपवाद स्वरुप कोई हे तो वो सहभागिता के मान से नगण्य हे !
...........(
हे भी तो नगण्य)

6.
देशद्रोहियों के लिए तुम्हारा मोन रहना तुम्हे शक के घेरे में लाता हे, सच्चे देशभक्त हो तो आतंकियों का सडको पर उतर कर विरोध करो !
...................(
जो तुम करतेही नहीं हो)

7.
भारत देश के लिए खतरा बन चुके पाकिस्तान का तुम कभीविरोध नहीं करते हो.....तो तुम देशभक्त कहा हो !
.............(
पाकिस्तान ही इनका ईमान हे )

8
हिन्दू के भरे टैक्स में से तुम सरकार से मदद मांगते हो नहीं देने पर छिनने की कोशिश करते हो !
..... (
अधिकतर सोचते हे हराम का पैसा कहा से आये इसी जुगाड़ में रहते हे

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अब तुम क्या करते हो ये सुन लो**********

मदरसे, जमात खाने और दरगाहोपर लंगर खाने चलते हो जो सिर्फ मुसलमानों के लिए हे......
भारतीय के समाज के लिए नहीं हे
जनसख्या के अनुसार समाज में तुम्हारी कम से कम 20 से 25 % भागीदारी भारत के समस्त समाज के लिए समाज सेवा में होना चाहिये
अभी किसी मुस्लिम देश में भूकंप या बाढ जाये तो पूरा मुस्लिम समाज चंदा इक्कठा कर के मदद भेज देगा
जिस देश से तुम्हे प्रेम नहीं हे उस देश में तुम्हे उन्नति के लिए आरक्षण चाहिये योग्यता तो तुम मे....जेबकटी,पंचर,गेराज,लुट खसोट जेसे कृत्यों की होतीहे और बिना योग्यता के सरकारी नौकरी चाहिये....
भारत हारता हे तो तुम फटाके फोड़ते हो और भारत जीतता हे तो घरो में दुबक कर बैठ जाते हो जबकि मुसलमानों को सडको पर निकलकर भारत की जीत का जश्न मानना चहिये
कुरान में लिखा हे वतन से प्यार करो,दारू मत पियो वो नहीं मनोगे और दूसरी बातो में कहोगे ये कुरान के खिलाफ हे
जो मोलवी तुम में जहर भरता हे उसे कहो हमारे वतन के खिलाफ मत भड़का हमें यही रहना हे
जब तुम्हे मालूम हे हिन्दूधरम में गौमाता पूजनीय हे.....तो तुम गोउ क्यों काटते हो.....
गोउ काटोगे तो आपस में खाईया तो बढेगी ही
तुम पाकिस्तान के हरे चीथड़े को अपना राष्ट्रीय ध्वज मानते हो और तिरंगे को जलाते हो और जो नहीं जलाता हे वो विरोध करने के बजाय दूर खड़ा देखता रहता हे इसका मतलब तो यही हे तुम्हारा भी मोन समर्थन हे
कोई एक मुल्ला पीटता हे तो पूरा समाज इक्कठा हो जाता हे और कोई मुस्लमान राष्ट्र का अपमान करता हे तो तुम गूंगे-बहरे हो जाते हो....फिर किस एंगल से तुम्हे देशभक्त माने......
वर्मा में मुस्लिम मारा जाता है तो तुम भारत में शहीद स्मारक तोड़ते हो,लखनऊ में बुद्ध भगवान के ऊपर चप्पल मारते हो..
तुमको अपने हिंदुस्तान से कोई मतलब नहीं वल्कि तुम शान से ये कहते रहते हो कि मुस्लिम के 60 देश है...
आज तुम भारतीय सेना में के बराबर हो...
सोचो राष्ट्र और समाज के लिए तुम क्या कर रहे हो?
तुम ये चाहते हो की राष्ट्र तुम्हारी चिंता करे और तुम पडोसी राष्ट्र की चिंता करो
संकलन दवारा , कड़वा सच